ही ब्रेक लगने लगते हैं, उस समय ट्रेन पाइप की हवा किसी न किसी मार्ग से, चाहे वह ड्राइवर अथवा गार्ड का ब्रेक वाल्व हो अथवा कोई अन्य मार्ग हो, वायुमंडल में निकलने लगती है, जिससे ट्रेन पाइप की हवा की दाब घटते ही सब गाड़ियों में लगे ट्रिपल वाल्वों के पिस्टन सरक जाते हैं।
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ही ब्रेक लगने लगते हैं, उस समय ट्रेन पाइप की हवा किसी न किसी मार्ग से, चाहे वह ड्राइवर अथवा गार्ड का ब्रेक वाल्व हो अथवा कोई अन्य मार्ग हो, वायुमंडल में निकलने लगती है, जिससे ट्रेन पाइप की हवा की दाब घटते ही सब गाड़ियों में लगे ट्रिपल वाल्वों के पिस्टन सरक जाते हैं।